करोडो की मलकिन
करोड़ों की मालकिन थी। लेकिन आखिरी वक्त इतना बुरा आया कि कुछ पास नहीं बचा। इन दादी को आपने कई फिल्मों में देखा होगा। ये डीडीएलजे में काजोल की दादी बनी थी। कभी खुशी कभी ग़म में शाहरुख की दादी बनी थी। और इनकी सबसे बड़ी पहचान है बीआर चोपड़ा की वक्त फिल्म का गीत 'ऐ मेरी ज़ोहराज़बी। तुझे मालूम नहीं।' जी हां, ये ही हैं वो जिनके लिए बलराज साहनी साहब वो गाना गाते हैं। अचला सचदेव जी। आज अचला सचदेव जी की पुण्यतिथि है। अचला जी किसी ज़माने में ऑल इंडिया रेडियो लाहौर में काम किया करती थी। ये ही वो पहली जगह थी जहां अचला सचदेव जी को पहली दफा अभिनय करने का मौका मिला था। अचला जी ने रेडियो नाटकों में काम किया था। इनकी कहानी पढ़िए। इनके बारे में बहुत सी नई बातें आपको जानने को मिलेंगी। अचला सचदेव जी को सादर नमन। #AchalaSachdev